Delhi News: यहां मरने से भी बड़ा है दफनाने का दुख; कब्रिस्तान न होने से पलायन कर रहे मुसलमान
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Delhi News: यहां मरने से भी बड़ा है दफनाने का दुख; कब्रिस्तान न होने से पलायन कर रहे मुसलमान

Delhi News: इलाके में कब्रिस्तान नहीं होने के कारण मुहल्ले के लोग परेशान हैं. मैय्यत को दफन करने के लिए 8 कीमी दूर जाना पड़ता है. कई परिवार इसी कारण यहां से पलायन को मजबूर है.

 

Delhi News: यहां मरने से भी बड़ा है दफनाने का दुख; कब्रिस्तान न होने से पलायन कर रहे मुसलमान

Delhi News: इलाके में कब्रिस्तान नहीं होने के कारण मुहल्ले के लोग परेशान हैं अगर कोई अपने मर जाए तो दफनाने के लिए भी सोचना पड़ता है.ये मामला है नॉर्थ दिल्ली के नत्थूपुरा इलाके में एक दर्जन से ज्यादा कॉलनियों में करीब 10 हजार मुस्लिम धर्म के लोग रहते हैं.इस मुहल्ले के मुस्लिम धर्म के लोग दिल्ली सरकार व केंद्र सरकार से लगातार पिछले 20 वर्षों से इलाके में कब्रिस्तान की मांग कर रहे हैं.

इलाके में कब्रिस्तान न होने का चलते यहां यदि किसी सख्श का इंतकाल हो जाए तो मैय्यत के दफनाने के लिए करीब 8 किलोमीटर दूर मुकरबा चौक स्थित कब्रिस्तान जाना पड़ता है.

पलायन को मजबूर मुहल्ले के लोग
ये इलाका दिल्ली के बुराड़ी नत्थूपुरा इलाके के पास नत्थू कॉलोनी , उत्तराखंड कॉलोनी , कादी विहार स्वरूप बिहार , इंद्रप्रस्थ कॉलोनी समेत दर्जनों कॉलोनी है.  जिनमें करीब 10 हजार से ज्यादा मुस्लिम धर्म के लोग रहते हैं. इन लोगों के लिए इलाके में कब्रिस्तान ना होना एक बड़ी मुसीबत बनता हुआ नजर आ रहा है. क्योंकि यदि किसी इंसान का इंतकाल हो जाता है तो मैय्यत के दफनाने के लिए आस-पास में कोई कब्रिस्तान नहीं है.

जिसके चलते मजबूरी में करीब 8 किलोमीटर दूर बाईपास मुकरबा चौक के पास क़ब्रिस्तान में सुपुर्देखाक किया करते हैं. इस समस्या के चलते कुछ लोग तो कॉलनियों को छोड़कर दूसरे इलाके में पलायन कर चुके हैं.

मैय्यत को दफनाना चैलेंज
नत्थू कॉलोनी में रहने वाले एक शख्स ने कहा कि जब किसी के घर में किसी व्यक्ति का इंतकाल हो जाता है तो उस मरे हुए इंसान से ज्यादा रोना कब्रिस्तान में बनाये जाने वाली कब्र को लेकर आता है. यदि किसी गरीब के घर में किसी का इंतकाल हो जाए तो मैय्यत को दफनाना उसके लिए एक बड़ा चैलेंज बन जाता है. 8 किलोमीटर दूर जाने के लिए वाहन जरूरी होते हैं और कब्र को खुदवाने के लिए भी पैसे दिए जाते हैं. ऐसी स्थिति में वह गरीब सख्स मायूस होता है.

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चंदा इकट्ठा कर करना पड़ता है दफन
जिसके देखते हुए फिर आसपास के लोग चंदा इकट्ठा कर उस गरीब की मदद करते हैं. इस तरह की समस्याओं से यहां के लोग करीब 20 साल से जूझ रहे हैं और सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं. कि इलाके में कब्रिस्तान की सुविधा सरकार की तरफ से भी जाए.

दिल्ली सरकार से कब्रिस्तान की मांग
अब देखने वाली बात होगी दिल्ली सरकार की तरफ से मुस्लिम समुदाय के लिए नत्थूपुरा के पास खाली बड़ी सभा की जमीन को कब्रिस्तान के लिए अलॉट किया जायगा या फिर भविष्य में मुस्लिम समुदाय के लोगों को कब्रिस्तान न मिलने के चलते नत्थूपुरा इलाका से पलायन करना पड़ेगा.

रिपोर्ट: नसीम अहमद 

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